"अपना खुद का आत्मविश्वास बढ़ाएं (संदीप माहेश्वरी)".......
आपका फ्यूचर उसे एक डिसीजन पर डिपेंड करने वाला है
जो आप लेना चाहते हैं अगर गलत डिसीजन तो फस गई पूरी
लाइफ बर्बाद सही चॉइस ले ली तू जिंदगी बदल गई
एक तरफ है जो आप करना चाहते हो जो आप बनना चाहते हो दूसरी तरफ है यह दुनिया जो आपसे करवाना चाहती है
जिस इंसान में यह करेज नहीं है कि वह अपनी लाइफ का डिसीजन खुद ले सके वह जिंदगी में क्या करेगा क्या करेगा क्या करेगा
मान लो कि आपको जूतों से चप्पलों हंट रो से मारा जाए जूते
चप्पलों से मारा जाए एक तरफ से 5 मिनट की मार और दूसरी तरफ जिंदगी हर मार खाते रहोगे क्या
आपके घरवाले आपके पीछे पड़े हैं कोटा जाओ आईटीआई करो और
आप कह रहे हो मेरा इसमें कोई इंटरेस्ट नहीं है मुझे फैशन डिजाइन करनी है अच्छा ठीक है जो करना है वह कर
आप करने लग गए पहला साल हो गया दूसरा साल हो गया
तीसरा साल फेल हो गया इस फेलियर की रिस्पांसिबिलिटी किसकी है मेरी किसकी है मेरी
मान लो हजार वजह है जिसकी वजह से आप नहीं कर पा रहे अरे कोई एक ऐसी वजह तो ढूंढो
जिससे वजह से आप कर सके
जब डिजायर चूज करना है
तो बड़े से बड़ा करो बड़े से बड़ा दुनिया का सबसे बड़ा
अरे मिलेगा भाई कितना मिलेगा
जितना अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा
खिलाड़ी तो बोलो अपने फील्ड के पक्के खिलाड़ी
वह कर्म आपको अंदर से मजबूत करता है जो आपको अंदर से करने की प्रेरणा देता है वह कर्म आपको वी क करता है जो आप करना नहीं चाहते
'सफल होना है तो इन दो दीवारों को तोड़ दे,
संदीप माहेश्वरी कहते हैं की कि घर में एक छोटा सा फंक्शन चल रहा था मैं अपने माता पिता के साथ खड़ा बातें कर रहा
था इतनी देर में एक आंटी आई और कहने लगी और संदीप आजकल तेरा क्या चक्कर चल रहा है मैं बहुत घबरा गया कि इनको कैसे पता चल गया मेरे नए अफेयर के बारे में मैं कहीं
और चला गया फिर मैंने डरते डरते पूछा कि आंटी कैसा पर कैसे चक्कर तो बोली तेरा आजकल फोटोग्राफी का कोर्स नहीं चल रहा फिर मेरी जान में जान आई
कि बेटा अगर तुम बुरा ना माने तो मैं एक बात कहूं तू यह फोटोग्राफी का चक्कर छोड़ दे तू कुछ और कर बेकार कर के
चक्कर में ना पड़ा मैंने वही किया हमेशा की तरह मैंने आंटी क्यों आपको ऐसा क्यों लगता है कि मैं फोटोग्राफी नहीं कर सकता
उन्होंने कहा कि मेरी बहन का बेटा भी गया था मुंबई और कुछ नहीं हुआ धक्के खा रहा है मैंने फिर से वही कहा की आंटी
क्यों आपको ऐसा क्यों लगता है कि वह नहीं कर पाया तो मैं भी नहीं कर पाऊंगा
सामने वाले व्यक्ति के पास आपकी क्यों का जवाब नहीं होगा वह खुद-ब-खुद सोच में पड़ जाएगा तो ऐसा कुछ भी नहीं है
कि जो आप ना कर सके बस जरूरत है तू आपके कुछ करने की अगर आप ऐसा सोचते हैं कि और वही काम कोई और
व्यक्ति नहीं कर पाया तो मैं भी नहीं कर पाऊंगा तो यह गलत है
सब कुछ संभव है जो आप चाहते हैं वही यह एक सत्य है कि जिस बारे में आप सोचते हैं उसे आप कर भी सकते हैं
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