"राजनीति शास्त्र का आरंभ तथा अंत राज्य से होता है इस कथन की समीक्षा कीजिए"
राजनीति विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसे हम अपनी पढ़ाई में और देश में चल रही राजनीति के बारे में जानते हैं राजनीति हमारे लिए महत्वपूर्ण विषय है
यह बीए के छात्रों के लिए भी है यह जानकारी सब के लिए महत्वपूर्ण है तू चलिए बताते हैं राजनीति विज्ञान क्या है सबसे बड़ा प्रश्न
Do you know
1.' राजनीति विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा स्पष्ट कीजिए"!
मनुष्य के जीवन के विविध पछो अध्ययन करने वाले शास्त्रों को सामूहिक रूप से सामाजिक विज्ञान कहा जाता है सामाजिक विज्ञान के अनेक शाखाएं हैं
यथा समाज शास्त्र इतिहास अर्थशास्त्र भूगोल मनोविज्ञान शिक्षा शास्त्र नीति शास्त्र व राजनीति शास्त्र या राजनीति विज्ञान आदि|
यह सब सामाजिक विज्ञान मानव जीवन के एक एक पक्ष का अध्ययन करते है |
यथा समाज शास्त्र इतिहास अर्थशास्त्र भूगोल मनोविज्ञान शिक्षा शास्त्र नीति शास्त्र व राजनीति शास्त्र या राजनीति विज्ञान आदि|
यह सब सामाजिक विज्ञान मानव जीवन के एक एक पक्ष का अध्ययन करते है |
जैसे समाजशास्त्र व्यक्ति के सामाजिक जीवन इतिहास मानव के अस्तित्व जीवन अर्थशास्त्र आर्थिक जीवन तथा भूगोल भौगोलिक जीवन का अध्ययन करता है
अन्य सामाजिक विज्ञानों की भांति राजनीति विज्ञान भी मानव जीवन का एक पत्र राजनीतिक पक्ष का अध्ययन करता है इस प्रकार राजनीति विज्ञान वह सामाजिक विज्ञान है
जो मानव जीवन के राजनीतिक पक्ष तथा उससे संबंधित अन्य क्रियाकलापों का अध्ययन करता है
राजनीति व राजनीति विज्ञान शब्द क्रमशः अंग्रेजी शब्द politics तथा political science शब्दों की हिंदी अनुवाद है
अंग्रेजी का पॉलिटिक्स ग्रीक भाषा के पोलिश तथा पॉलीटिकल से बना है जिसका अर्थ नगर राज्य है यूनान में बहुत समय पहले छोटे-छोटे राज्य होते थे जिनको नगर राज्य कहा जाता था तथा
इन नगर राज्यों से संबंधित अध्ययन politics नाम दिया प्रसिद्धि यूनानी राजनीतिक दार्शनिक अरस्तु ने भी अपने राज्य विषय को ग्रंथ का नाम इसीलिए पॉलिटिक्स रखा था इस प्रकार शब्द व्युत्पत्ति की दृष्टि से राजनीति विज्ञान वह सामाजिक विज्ञान है
जो राज्य से संबंधित विषयों जैसे राज्य की प्रकृति उद्भव विकास कार्य प्रकार तथा उसकी शासन व्यवस्था आदि का अध्ययन करता है
अंग्रेजी का पॉलिटिक्स ग्रीक भाषा के पोलिश तथा पॉलीटिकल से बना है जिसका अर्थ नगर राज्य है यूनान में बहुत समय पहले छोटे-छोटे राज्य होते थे जिनको नगर राज्य कहा जाता था तथा
इन नगर राज्यों से संबंधित अध्ययन politics नाम दिया प्रसिद्धि यूनानी राजनीतिक दार्शनिक अरस्तु ने भी अपने राज्य विषय को ग्रंथ का नाम इसीलिए पॉलिटिक्स रखा था इस प्रकार शब्द व्युत्पत्ति की दृष्टि से राजनीति विज्ञान वह सामाजिक विज्ञान है
जो राज्य से संबंधित विषयों जैसे राज्य की प्रकृति उद्भव विकास कार्य प्रकार तथा उसकी शासन व्यवस्था आदि का अध्ययन करता है
राजनीति विज्ञान का अर्थ तथा परिभाषा जीवन के चिंतन तथा मान्यताओं के अनुसार परिवर्तित होते रहते हैं इस संबंध में प्रमुख रूप से दो दृष्टिकोण है
1. परंपरागत दृष्टिकोण
2. व्यवहारवादी एवं उत्तर व्यवहारवाद (आधुनिक ) दृष्टिकोण
..... "परंपरागत दृष्टिकोण से राजनीति विज्ञान की परिभाषाएं"...
परंपरागत 'प्राचीन 'परिभाषा ओं में राजनीति विज्ञान को निम्नलिखित औरतों में परिभाषित किया जाता है
1. राज्य के अध्ययन के रूप में
व्यक्ति के राजनीति विज्ञान का अध्ययन करने हेतु उन संस्थाओं का अध्ययन करना परम आवश्यक है
जिन के अंतर्गत उसने अपना राजनीतिक जीवन प्रारंभ किया और जिनके द्वारा वह राजनीतिक जीवन को विकसित करने के लिए प्रयासरत है
इस प्रकार राजनीतिक संस्थाओं में राज्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. राजनीतिक शब्द का पर्यायवाची अंग्रेजी शब्द पॉलिटिक्स यूनानी भाषा के पहले शब्द से बना है जिसका आसय यूनानी भाषा में नगर अथवा राज्य होता है यूनान छोटे-छोटे नगर राज्य में विभाजित था इसीलिए यूनानी ओं की दृष्टि में नगर तथा राज्य में कोई अंतर नहीं था
धीरे-धीरे राज्य का स्वरूप परिवर्तित हुआ तथा वर्तमान में इन राज्यों का स्थान राष्ट्रीय राज्यों ने ले लिया स्वाभाविक रूप से राज्य के इस विकसित और विस्तृत रूप से संबंधित विषय को राजनीति विज्ञान के नाम से पुकारे जाने लगा इस दृष्टिकोण के आधार पर ब्लंट सील गानर गैरिज इत्यादि
विद्वानों ने राजनीति विज्ञान को राज्य के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है
" डॉ गार्नर" के अनुसार राजनीति विज्ञान के अध्ययन का प्रारंभ और अंत राज्य के साथ होता है ब्लंट सील के शब्दों में राजनीति विज्ञान का वह शास्त्र है जिसका संबंध राज्य से है जो राज्य की आधारभूत स्थितियों उसकी प्रकृति तथा विभिन्न स्वरूपों एवं विकास को समझने का प्रयत्न करता है गैरिज ने भी राजनीति विज्ञान को परिभाषित करते हुए कहा है कि राजनीति विज्ञान राज्य का अध्ययन एक शक्ति संपन्न संस्था के रूप में उसके संपूर्ण संबंधों सहित करता है
गुडनोव एक्टन तथा डॉ जकारिया ने कहा है कि राजनीति विज्ञान व्यवस्थित रूप में आधारभूत सिद्धांतों की स्थापना करता है जिनके अनुसार समष्टि रुप में राज्य का संगठन होता है और प्रभु सत्ता का प्रयोग किया जाता है
2. सरकार के अध्ययन के रूप में
राजनीति विज्ञान के कुछ विद्वान उपर्युक्त अरे भाषाओं को नहीं स्वीकारते हैं वे राज्य के स्थान पर सरकार के अध्ययन पर विशेष बल देते हैं इन विद्वानों की मान्यता है कि राज्य तो एक अमूर्त संस्था है और प्रभुत्व शक्ति के प्रयोग के संबंध में इस संस्था का मूर्त रूप सरकार ही वह मशीन अथवा साधन है जिसके माध्यम से राज्य की इच्छा कार्य रूप में परिणित की जाती है लॉर्ड सिले तथा लीकॉक इत्यादि विद्वानों ने राजनीति विज्ञान को सरकार का ही अध्ययन बताया है
स्वयं लॉर्ड के सिले शब्दों में राजनीति विज्ञान सरकार के पत्तों की खोज ठीक उसी प्रकार करता है जिस प्रकार अर्थशास्त्र संपत्ति का जीव शास्त्र जीवन का बीज गणित अंकों का तथा रेखा गणित स्थान एवं लंबाई चौड़ाई का इसी प्रकार लेखक ने भी कहा है कि राजनीति विज्ञान सरकार से संबंधित है
3. राज्य एवं सरकार के अध्ययन के रूप में
उक्त समस्त विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएं वस्तुतः एकांगी है जहां तक राजनीति विज्ञान का संबंध है इसमें राज्य और सरकार दोनों का अध्ययन किया जाता है
राज्य के अभाव में सरकार की कल्पना भी नहीं की जा सकती क्योंकि सरकार राज्य द्वारा प्रदत्त प्रभुत्व शक्ति ही प्रयोग करती है तथा सरकार के अभाव में राज्य एक अमूर्त कल्पना मात्र है
ऐसी स्थिति में राज्य के बिना सरकार और सरकार के बिना राज्य का कोई अध्ययन पूरा नहीं हो सकता फ्रांसीसी विद्वान पॉल जेनेट इसी विचार को दृष्टिगत करते हुए लिखा है कि राजनीति विज्ञान सामाजिक विज्ञानों का रंग है
जिसमें राज्य के आधार पर सरकार के सिद्धांतों पर विचार किया जाता है डिमाग के शब्दों में राजनीति विज्ञान का संबंध राज्य तथा
उसके साधन से है गिलक्रिस्ट मैं भी राजनीति विज्ञान को राज्य एवं सरकार दोनों की सामान्य समस्याओं का अध्ययन बताया है
राज्य के अभाव में सरकार की कल्पना भी नहीं की जा सकती क्योंकि सरकार राज्य द्वारा प्रदत्त प्रभुत्व शक्ति ही प्रयोग करती है तथा सरकार के अभाव में राज्य एक अमूर्त कल्पना मात्र है
ऐसी स्थिति में राज्य के बिना सरकार और सरकार के बिना राज्य का कोई अध्ययन पूरा नहीं हो सकता फ्रांसीसी विद्वान पॉल जेनेट इसी विचार को दृष्टिगत करते हुए लिखा है कि राजनीति विज्ञान सामाजिक विज्ञानों का रंग है
जिसमें राज्य के आधार पर सरकार के सिद्धांतों पर विचार किया जाता है डिमाग के शब्दों में राजनीति विज्ञान का संबंध राज्य तथा
उसके साधन से है गिलक्रिस्ट मैं भी राजनीति विज्ञान को राज्य एवं सरकार दोनों की सामान्य समस्याओं का अध्ययन बताया है
4. राज्य सरकार तथा व्यक्ति के अध्ययन के रूप में
राजनीति विज्ञान की यह परिभाषाएं भी अपूर्ण है क्योंकि इनमें विषय के मानवीय पक्ष की अवहेलना की गई है यह बात निर्विवाद रूप से सत्य है
कि किसी भी सामाजिक विज्ञान का अध्ययन उसके प्रसंग में मानवीय तत्व के अध्ययन के अभाव में पूर्ण नहीं हो सकता राजनीति विज्ञान में तो राज्य एवं सरकार के संपूर्ण अध्ययन में मानवीय पक्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
राज्य एवं सरकार का व्यापक अध्ययन सिर्फ इस कारण किया जाता है कि यह संस्थाएं व्यक्ति के जीवन को अत्यधिक प्रभावित करती हैं
यदि सिर्फ राज्य एवं सरकार पर ही ने रखी जाए तो राजनीति विश्लेषण नितांत औपचारिक और संस्थागत होकर रह जाएगा
हेमन हैलर ने एनसाइक्लोपीडिया ऑफ सोशल Sciences मैं तो यहां तक कहा है कि राजनीति विज्ञान के संपूर्ण स्वरूप का निर्धारण उनकी मानव विषयक मौलिक मान्यताओं के द्वारा होता है
कि किसी भी सामाजिक विज्ञान का अध्ययन उसके प्रसंग में मानवीय तत्व के अध्ययन के अभाव में पूर्ण नहीं हो सकता राजनीति विज्ञान में तो राज्य एवं सरकार के संपूर्ण अध्ययन में मानवीय पक्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
राज्य एवं सरकार का व्यापक अध्ययन सिर्फ इस कारण किया जाता है कि यह संस्थाएं व्यक्ति के जीवन को अत्यधिक प्रभावित करती हैं
यदि सिर्फ राज्य एवं सरकार पर ही ने रखी जाए तो राजनीति विश्लेषण नितांत औपचारिक और संस्थागत होकर रह जाएगा
हेमन हैलर ने एनसाइक्लोपीडिया ऑफ सोशल Sciences मैं तो यहां तक कहा है कि राजनीति विज्ञान के संपूर्ण स्वरूप का निर्धारण उनकी मानव विषयक मौलिक मान्यताओं के द्वारा होता है
आधुनिक दृष्टिकोण से राजनीति विज्ञान की परिभाषाएं
राजनीति विज्ञान की प्राचीन परंपरागत परिभाषा जहां संस्थागत है और इनमें इस विषय के अध्ययन को राज्य सरकार एवं अन्य राजनीतिक संस्थाओं के साथ जोड़ा गया है
वही राजनीति विज्ञान के आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवादी विद्वान इस परंपरागत दृष्टिकोण को अपर्याप्त तथा अनुचित मानते हैं उनकी मान्यता है
कि राजनीति संस्थाओं के घोषित उद्देश्य चाहे कुछ भी क्यों न हो उनके पीछे दृश्य एवं अदृश्य राजनीति प्रक्रिया कार्य करती है यथार्थवादी राजनीति आती है ना कि दृष्टिकोण से यह प्रक्रिया अत्यधिक महत्वपूर्ण है
अतः आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवाद विद्वान राजनीतिक संस्थाओं के अध्यक्ष और उन साधनों एवं प्रक्रिया को अधिक महत्व देते हैं जिनके आधार पर राजनीति संस्थाएं कार्य करती हैं |
सअतः आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवाद की परिभाषा में राजनीति विज्ञान को निम्नलिखित अर्थों में परिभाषित किया जा सकता है|
वही राजनीति विज्ञान के आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवादी विद्वान इस परंपरागत दृष्टिकोण को अपर्याप्त तथा अनुचित मानते हैं उनकी मान्यता है
कि राजनीति संस्थाओं के घोषित उद्देश्य चाहे कुछ भी क्यों न हो उनके पीछे दृश्य एवं अदृश्य राजनीति प्रक्रिया कार्य करती है यथार्थवादी राजनीति आती है ना कि दृष्टिकोण से यह प्रक्रिया अत्यधिक महत्वपूर्ण है
अतः आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवाद विद्वान राजनीतिक संस्थाओं के अध्यक्ष और उन साधनों एवं प्रक्रिया को अधिक महत्व देते हैं जिनके आधार पर राजनीति संस्थाएं कार्य करती हैं |
सअतः आधुनिक व्यवहारवादी उत्तर व्यवहारवाद की परिभाषा में राजनीति विज्ञान को निम्नलिखित अर्थों में परिभाषित किया जा सकता है|
(1). मानव व्यवहार क्रियाओं का अध्ययन
इस मान्यता के अनुसार राजनीति विज्ञान वह विज्ञान है जो मानव की राजनीति व्यवहार का अध्ययन करता है उदाहरण मतदान व्यवहार|
(2). राजनीति व्यवस्था का अध्ययन
कुछ विद्वानों ने राजनीति विज्ञान को राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन माना है इन विद्वानों में David Easton के नाम उल्लेखनीय है
David Easton ने राजनीति विज्ञान को परिभाषित करते हुए लिखा है कि राजनीति विज्ञान राजनीति को फूलों के प्रवक्ता पूर्ण निर्धारण से संबंधित है|
आज के इस आर्टिकल में हमने जो जानकारी आपको दिए आशा करते हैं की इससे आपको मदद मिलेगी हमारे आर्टिकल पर आने के लिए शुक्रिया हो सके तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद......
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